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31 जनवरी
2020
“परमात्मा” ही सांसारिक कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं

विद्वान तथा बुद्धिमान लोग अपने ज्ञान से, चिंतन-मनन और अनुभव से यह जानते हैं कि हर पदार्थों में परमात्मा हैं। वही सम्पूर्ण जगत को आश्रय देता है। उसी से सारी सृष्टि प्रकट होती है । सभी प्राणी उसी से पैदा होते हैं और प्रलयकाल में उसी में विलीन हो जाते हैं । ( यजुर्वेद ३२/८

10 जनवरी
2020
पुरुषार्थ और परोपकार के मार्ग पर चलें

समुद्र को कामना नहीं होती फिर भी अनेक नदियां उसमें आकर मिलती हैं । इसी प्रकार उद्योगी पुरुषों के पास लक्ष्मी सदैव रहती हैं । अर्थात् जो व्यक्ति उद्योगी है, मेहनती है, पुरुषार्थ करता है उन्हें धन का अभाव कभी नहीं होता । कहा भी गया है ‘उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि न मनौरथैः । नहि