श्रीनृसिंह कवच

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‘एक नृसिंह गाजे, सत्तर बलायें भाजे’, वैष्णव पद्धति में भगवान् नृसिंह की उग्र, शान्त आदि भिन्न-भिन्न उपासनायें की जाती हैं ।

इस भागती-दौड़ती ज़िंदगी में लोगों के साधन कमजोर पड़ गये हैं । अपने लिए कुछ भी भजन-साधन स्वयं से तो बन ही नहीं पाता और किसी अन्य से विधिपूर्वक कराया नहीं जाता । फिर; परिणाम ? कुछ श्रम करने पर भी उसके अनुसार प्रतिफल नहीं मिलता । कभी लगता है कि किसी ने कुछ करा दिया है, बाँध दिया है अथवा रोक-टोक लगा दी है तो यहाँ घबराना नहीं है, बल्कि; सचेत होकर समस्या का समाधान ढूँढना है ।

ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए अचूक काम बाँण उपाय है – श्रीनृसिंह कवच ।

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Description

कवच:

किसी भी कवच का विशिष्ट मुहूर्त में किया गया निर्माण सिद्धि देने वाला होता है । होली, दीपावली, सूर्यग्रहण अथवा चन्द्रग्रहण मुहूर्त, सिद्धि देने के लिए विशेष माने गये हैं ।

वैदिक यात्रा गुरुकुल परिवार ने उक्त मुहूर्त में ही आत्मरक्षा के लिए कुछ रक्षा कवच के निर्माण, विप्र जनों के द्वारा विशिष्ट देखरेख में करवाये हैं, साथ ही इन्हें सिद्ध भी किया गया है ।