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27 जून
2020
सुख-शांति मिलती है “सत्कर्म” से कमाए हुए धन से

गृहस्थ लोग अपने पुरुषार्थ द्वारा परमात्मा की कृपा से धन बल का संचय कर सुख प्राप्त करें । धन शुचिता पूर्वक कमाना चाहिए जिसमें पवित्रता हो, बल हो लेकिन उस बल का प्रयोग किसी की रक्षा के लिए हो । ( अथर्ववेद ७/१७/१ )…..