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19 सितम्बर
2019
निःस्वार्थ भाव से परोपकार करें

मनुष्य के जीवन में विपत्तियां, कठिनाईयां, विपरीत परिस्थितियां और कष्ट की घड़ियां आती ही रहती हैं । सुख-दुःख जीवन रथ के दो पहिए हैं । इनसे कभी डरना या घबराना नहीं चाहिए । कठिनाइयां मनुष्य को संघर्ष करने की शक्ति देती हैं और उसकी उन्नति में और आत्मिक विकास में सहायक होती है । (सामवेद-६५३

4 जुलाई
2019
आध्यात्मिक गुण है पवित्रता

हे परमात्मा ! मेरे हृदय में भक्तिभाव और कर्मण्यता का विकास हो । मुझे आरोग्य और खुशहाल जीवन प्राप्त हो । मुझे बाह्य और आंतरिक दोनों तरफ से पवित्र बनाइए । ( अथर्व वेद ६/१९/२ )

3 जुलाई
2019
उचित आहार-विहार और व्यवहार से दीर्घायु बनें

परमात्मा ने इस संसार में सभी को दीर्घायु बनाया है । लेकिन अनुचित आहार-विहार द्वारा अपने आयु को क्षय करता है आज का मानव । इसलिए नियम पूर्वक जीवन जीते हुए पूर्ण आयु प्राप्त करना प्रत्येक मनुष्य का धर्म है । ( ऋग्वेद १०/१८/६ )

3 जुलाई
2019
बड़ों को सम्मान देने वाला यशस्वी होता है ।

अपनी समृद्धि के विस्तार में किसी प्रकार का प्रमाद ( आलस्य ) मत करो । ज्ञान के विस्तार में, विद्याध्ययन करने में कभी आलस्य नहीं करना चाहिए ।

3 जुलाई
2019
अलौकिक है परमात्मा की दिव्यता

परमात्मा अनादि है, जिनको जान लेने पर कुछ भी जानना शेष नहीं रह जाता है । इसी भावना को भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन को माध्यम बनाकर कहा -“अर्जुन ! तुम मेरे परम प्रिय हो, मैं तुम्हारे हित के लिए कहता हूँ, सुनो “मेरे प्रगट होने को न देवता जानते है न महर्षि, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं और महर्षियों का भी आदि हूँ ।

Vaidik Sutra